HEENA SANGANI आसन-प्राणायाम: योग के प्रकार: योगशाश्त्र तथा उपनिषेद में मन्त्रयोग ,लययोग ,हठयोग तथा राजयोग के रूप में योग के चार प्रकार माने जाते है। १. मन्त्रयोग :- म...
बिना व्यायाम के शरीर अस्वस्थ हो जाता है,शरीर को चलाने के लिए जैसे आहार की ज़रूरत है वैसे ही आसान-प्राणयम आदि व्यायाम ज़रूरी है.नियमित रूप से व्यायाम करने से दुर्बल,स्वस्थ ओर सुंदर बन जाता है.मधुमेह,मोटापा,वात रोग.गेस,मानसिक तनाव ये सभी रोग का कारण शारीरिक श्रम का अभाव है.व्यायाम के कई प्रकार है इसमे आसन-प्राणायाम सर्वोतम है.
Friday, November 14, 2014
HEENA SANGANI आसन-प्राणायाम: योग के प्रकार
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