योग के प्रकार

      योगशाश्त्र  तथा  उपनिषेद में मन्त्रयोग ,लययोग ,हठयोग  तथा राजयोग  के रूप  में योग के चार प्रकार माने  जाते है।

१.    
मन्त्रयोग :- 
      मातृकारियुक्त मन्त्र  को १२ वर्ष तक विधिपूर्वक जपने से अप्रिया आदि सिद्धियाँ साधक को प्राप्त हो जाती है।

२.    
लययोग :- 
      दैनिक क्रियाओ को करते हुए  सदैव ईश्वर का ध्यान करना लययोग है। 
३.     हठयोग :- 
       विभन्न मुद्राओ, आसनो ,प्राणयाम एवं बंधो के अभ्यास से शरीर को निर्मल एवं मन को एकाग्र करना हठयोग कहलाता है। 

४.    
राजयोग:-
       याम-नियमादि के अभ्यास से चित  को निर्मल कर ज्योतिमय आत्मा का साक्षातकार करना राजयोग है.

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