Saturday, December 13, 2014

पृष्ठतानासन(PRUSHTHTANASAN)

विधि :
१.     पेट के बल लेटजाये। होथों को सामने फैलाकर हथेलियाँ जमीं की ओर करते हुए एक दूसरे के ऊपर रखें।  पैर सीधे तथा पंजे पीछे की ओर तने हुए हों। माथा दोनों हाथों के बीच टिका हुआ हो।
२.     श्वास अंदर भरकर हाथों को आगे की ओर खींचिए तथा पैरों को पीछे की ओर तानिए। शरीर को स्थिर रखते हुए ही यह क्रिया हो। पृष्ठ भाग में कम्पन होगा।  श्वास को बाहर छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। 


लाभ : 
पृष्ठ भाग के सम्पूर्ण नस-नाड़ियों को आरोग्य मिलता है। 

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