Saturday, November 15, 2014

बाह्याभ्यन्तर प्राणायाम

प्राणायाम:


श्वास-पश्वास की गति को यथाशक्ति अनुसार नियंत्रित करना प्राणायाम कहलाता है। प्राणायाम के चार प्रकार है :-
१. बाह्यवृति, २. आभ्यन्तरवृति, ३. स्तम्भवृत्ति, ४. बाह्याभ्यन्तर विषयाक्षेपि 


बाह्याभ्यन्तर विषयाक्षेपी 

विधि :
          जब श्वास भीतर से बाहर आये, तब बाहर ही कुछ-कुछ रोकता रहे और जब बाहर से भीतर जाये तब उसको भीतर ही थोड़ा-थोड़ा रोकता रहे.स्त्रियाँ भी इसी प्रकार योगाभ्यास कर सकते है।



No comments:

Post a Comment