विधिः
१. वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर उठाइये।
२. आगे झुकते हुए श्वास बाहर निकालें तथा हाथों को आगे फैलाते हुए हथेलियां निचे की और रखते हुए कोहनियों तक हाथों को भूमि पर टका दीजिये। माथा भी भूमि पर टिका हुवा हो।
३. कुछ समय इस स्थिति में रहकर पुनः वज्रासन में आ जाइए।
हदय की मालिश करता है इस लिए हदय रोगो में लाभकारी है
आँत(Intestine),यकृत(liver),अग्नाशय(pancreas) एवंगुर्दो(kidneys) को बल प्रदान करता है। मानसिक रोग(Mentalillnes),
तनाव(stress),क्रोध(anger),चिड़चिड़ापन(irritability),गुस्सा आदि रोगो को दूर करता है। गर्भाशय(uterus) को बल देता एवं पेट(abdomen),कमर की चर्बी को काम करता है।
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