विधि :
१. पद्मासन में बैठकर बाएं हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर बायें पैर का अंगूठा पकड़ें , इसी प्रकार दायें हाथ को पीछे से लेते हुए दायें पैर का अंगूठा पकड़ें।
२. कमर व् रीड की हड्डी सीधी रहे। आँखे बंध रखकर यथाभिमत मन को एकाग्र करे।
लाभ :
माताओं ऐवं पुरूषों की छाती का विकास कर सुन्दर बनता है। हाथ,कंधे एवं सम्पूर्ण पृष्ठ भाग के लिए उपयोगी है।
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