Saturday, December 27, 2014

अम्लता (ACIDITY) के लिए आसान

   अम्लता (ACIDITY) सभी रोगियों की तुलना में आज करीब आधे से अधिक रोगो में देखा जाता है। वर्तमान में इस हालत का जिम्मेदार तनाव देखा जाता है, जो प्रमुख कारणों में से एक है। 

*   यहाँ अम्लता(ACIDITY) रोग में आप के लिए मदद कर सकते हैं जो योग के कुछ सुझाव हैं। नियमित प्राणायाम और ध्यान करे। 

वज्रासन(VAJRASAN)


विधिः 
१.      दोनों पैरों को मोड़कर नितम्ब के निचे इस प्रकार रखें  एड़ियाँ बहार की ओर निकली हुई तथा पंजे नितम्ब से लगे हुए हो।
२.      इस स्थिति में पैरों के अंगूठे एक दूसरे से लगे हुए होंगें। कमर,ग्रीवा एवं सिर सीधे रहें। घुटने मिले हुए हों। हाथों को घुटनों पर रखें।




लाभ:
      भोजन के करने के बाद किया जानेवाला यह एक मात्र आसन है। यह आसन करने से अपचन ,अम्लपित्त,गैस,कब्ज के लिए लाभकारी है। भोजन के बाद ५ से १५ मिनिट तक करने से भोजन का पाचन ठीक से होता है। ये आसन  घुटनो की पीड़ा में लाभदाई है। 



पवन मुक्तासन (Pawanmukta asan)

विधि:
१.      सीधे लेट कर दाये  पैर के घुटने को छाती पर रखे।
२.      दोनों हाथो को,अंगुलियों एक दूसरे में सड़ते हुए घुटने पर रखे ,श्वास बाहर निकलते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाये एवं सर को उठाते हुए घुटने से नासिका स्पर्श करे,करीब १० से ३० सेकंड तक श्वास को बाहर रोकते हुए इस स्थिति में रहकर फिर पैर को सीधा कर दे।


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      

       

  ३.       इसी तराह दूसरे पैर से करे। फिर दोनों पैरो से एक साथ करे। इस प्रकार ३ से ५ बरी करे। 
४.      दोनों पैरो को पकड़ के शरीर को आगे-पीछे-दये-बाये लुढ़काए।




लाभ:  

१.     ये आसन वायुविकार ,स्त्री रोग अल्पावर्त,कष्टार्त्तव एवं गर्भाशय सम्बन्धी रोगो के लिए लाभदायी है। 
    २.     मोटापा,अम्लपित्त,हदयरोग,गठिया एवं कटी पीड़ा में लाभदायी है।



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